
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका फल सूर्य ग्रहण के समय में किये हुए जप के फल के बराबर होता है। ग्रहण काल में जप करने का १० लाख गुना फल मिलता है।
व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही, थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे जितने समय तक उनकी आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा है। सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण में तो बहुत से नियम पालने पडते है पर इस योग में कोई नियम पालने की जरुरत नही है।
वर्ष २०११ में कुल १५ बार व्यतिपात योग आयेगा जिनका विवरण में नीचे देने की कोशिश कर रहा हूँ, जोकि भारतीय समयानुसार है:-
व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही, थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे जितने समय तक उनकी आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा है। सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण में तो बहुत से नियम पालने पडते है पर इस योग में कोई नियम पालने की जरुरत नही है।
वर्ष २०११ में कुल १५ बार व्यतिपात योग आयेगा जिनका विवरण में नीचे देने की कोशिश कर रहा हूँ, जोकि भारतीय समयानुसार है:-
०१. जनवरी - ८ जनवरी १५:३७ से ९ जनवरी १६:१८ तक
०२. फ़रवरी - २ फ़रवरी २०:२१ से ३ फ़रवरी २०:०३ तक
०३. फ़रवरी - २८ फ़रवरी ००:४८ से १ मार्च ००:४० तक
०४. मार्च - २५ मार्च ०८:२० से २६ मार्च ०६:४८ तक
०५. अप्रैल - १९ अप्रैल २३:१३ से २० अप्रैल १९:५३ तक
०६. मई - १५ मई १७:१५ से १६ मई ०१:२९ तक
०७. जून - १० जून ०८:०८ से ११ जून ०५:०१ तक
०८. जुलाई - ०५ जुलाई १९:२९ से ०६ जुलाई १७:३४ तक
०९. जुलाई - ३१ जुलाई ११:०० से ०१ अगस्त ०७:५१ तक
१०. अगस्त - २६ अगस्त ०३:३३ से २७ अगस्त ००:१५ तक
११. सितम्बर - २० सितम्बर १३:३४ से २१ सितम्बर १३:०५ तक
१२. अक्टूबर - १५ अक्टूबर १८:४९ से १६ अक्टूबर १९:२७ तक
१३. नवम्बर - ०९ नवम्बर २२:०६ से १० नवम्बर २३:०४ तक
१४. दिसम्बर - ०५ दिसम्बर ०१:३८ से ०६ दिसम्बर ०२:३० तक
१५. दिसम्बर - ३० दिसम्बर ०६:४८ से ३१ दिसम्बर ०६:४९ तक
अंग्रेजी शब्दों में लिखी तारीखों के साथ जिनको हिन्दी गिनती पढने में तकलीफ़ होती हो तो उनके लिये:-
01. जनवरी - 8 जनवरी 15:37 से 9 जनवरी 16:18 तक
02. फ़रवरी - 2 फ़रवरी 20:21 से 3 फ़रवरी 20:03 तक
03. फ़रवरी - 28 फ़रवरी 00:48 से 1 मार्च 00:40 तक
04. मार्च - 25 मार्च 08:20 से 26 मार्च 06:48 तक
05. अप्रैल - 19 अप्रैल 23:13 से 20 अप्रैल 19:53 तक
06. मई - 15 मई 17:15 से 16 मई 01:29 तक
07. जून - 10 जून 08:08 से 11 जून 05:01 तक
08. जुलाई - 05 जुलाई 19:29 से 06 जुलाई 17:34 तक
09. जुलाई - 31 जुलाई 11:00 से 01 अगस्त 07:51 तक
10. अगस्त - 26 अगस्त 03:33 से 27 अगस्त 00:15 तक
11. सितम्बर - 20 सितम्बर 13:34 से 21 सितम्बर 13:05 तक
12. अक्टूबर - 15 अक्टूबर 18:49 से 16 अक्टूबर 19:27 तक
13. नवम्बर - 09 नवम्बर 22:06 से 10 नवम्बर 23:04 तक
14. दिसम्बर - 05 दिसम्बर 01:38 से 06 दिसम्बर 02:30 तक
15. दिसम्बर - 30 दिसम्बर 06:47 से 31 दिसम्बर 06:49 तक