मंगलवारी चतुर्थी

सोमवार, 27 जून 2011

त्रिपुष्कर योग

मंगलवार को यानी 28 को सूर्योदय के साथ से एक ऐसा दुर्लभ योग बन रहा है जो आपके हर काम का तीन गुना फल देगा इस योग का नाम त्रिपुष्कर योग है। इस मंगलवार को इस योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग भी बन रहा है। मंगलवार को आप कोई भी शुभ काम शुरू कर सकते हैं। यह काम आपको तीन गुना फायदा पहुंचाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग भी बन रहा है जिससे निश्चत ही आपको फायदा होगा लेकिन इसके साथ थोड़ी सावधानी की जरूरत भी है क्योंकि इस दिन किए गए कोई भी गलत काम आपको तीन गुना ज्यादा दुष्परिणाम दे सकते हैं।

रविवार, मंगलवार या शनिवार को द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि के साथ पुनर्वसु, कृतिका, उत्तराषाढ़ और पूर्वाभाद्रपद इन नक्षत्रों में से कोई नक्षत्र आता है तो यह विशेष संयोग त्रिपुष्कर नाम का विशेष योग बनाता है। अब ऐसा योग 2 जुलाई को फिर बनेगा।

इस योग में एक बार किया गया काम तीन गुना हो जाता है। यानी अगर इस योग में कोई भी शुभ या अशुभ काम किया जाए तो उसका फल तीन गुना हो जाता है चाहे अशुभ हो या शुभ हो। मंगलवार को इस योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग भी बन रहा है इसलिए किए गए कार्य का शुभ फल मिलना निश्चित है। यह योग मंगलवार दोपहर 02:05 तक रहेगा।

क्या काम करें इस दिन चमत्कारी योग में?

-इस योग में धन संबंधित काम करना चाहिए इससे उसका फल तीन गुना मिलेगा।
- इस योग में स्थाई सम्पत्ति के काम करने चाहिए इससे आपकी सम्पत्ति तीन गुना हो जाएगी
- बैंक संबधित लेन देन भी अगर इस योग मे किया जाए तो आपका बैंक बेलेंस बढऩे लगेगा।
- इस योग में सोना, चांदी, वाहन आदि वस्तुएं खरीदना चाहिए।
- धर्मिक यात्राएं भी इस योग में करने का विधान है।

2 और 3 जुलाई को एक दुर्लभ योग बन रहा है। 2 जुलाई को लगने वाले योग का नाम त्रिपुष्कर योग है। जानकारों के अनुसार ऐसे योग में किए गए प्रत्येक कार्य का तीन गुना फल मिलता है। इस योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग भी बन रहा है।

इस दिन कोई भी शुभ काम करने का तिगुना फल हासिल होगा। लेकिन इसी तरह अशुभ कार्य का भी तिगुना परिणाम मिलेगा।

इसी तरह 3 जुलाई को रवि पुष्य नक्षत्र है। इसी दिन जगन्नाथ रथ यात्रा होने के कारण यह दिन अत्यंत फलदायी है। विद्वानों के अनुसार रविवार को चूंकि सूर्य की आराधना होती है इसलिए रवि पुष्य में इस दिन सूर्य की पूजा करके दिन की शुरुआत करनी चाहिए।

कई मायनों में है महत्वपूर्ण :

त्रिपुष्कर की विशेषता यह होती है कि यह सभी तरह के कार्यो का तिगुना फायदा व नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में इस दिन सर्वार्थ सिद्धि का योग होना भी महत्वपूर्ण है। ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि रविवार, मंगलवार या शनिवार को द्वितीया, सप्तमी या द्ववादशी तिथि के साथ पुनर्वसु, कृतिका, उत्तराषाढ़ और पूर्वाभाद्र पद इन नक्षत्रों में से कोई नक्षत्र आता है तो यह विशेष संयोग त्रिपुष्कर और रवि पुष्य नाम का योग बनाता है। यह योग हमेशा नहीं आता। सालों के बाद ऐसे योग बनते हैं।

दो दिनों तक फलदायी योग :

शनिवार को सुबह 6 से पुष्कर योग की शुरुआत होगी। पूरे दिन रहने के बाद अगले ही दिन रवि पुष्य नक्षत्र की शुरुआत होगी। शनिवार और रविवार को विशेष योग का प्रभाव रहेगा। रविवार को त्रिपुष्कर योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग भी बन रहा है। 3 जुलाई को लगने वाला योग शनिवार को है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से किए गए कार्य का पर्याप्त फल हासिल होगा। ऐसे में किए गए कार्य का निश्चित तौर से फल मिलेगा।

कर सकते हैं नए कार्य की शुरुआत

त्रिपुष्कर योग में किए गए सभी कार्यो का बेहतर फल तो मिलता है, लेकिन यदि कोई नया कार्य किया जाए तो इसमें निश्चित तौर से सफलता मिलेगी। 3 जुलाई को जगन्नाथ रथ यात्रा के शुभ दिन में व्यापारिक संधियों और आर्थिक गतिविधियों से जुड़े हुए कार्य का विशेष लाभ मिलेगा। ऐसे में बिना किसी पूर्वाग्रह के नया कार्य कर सकते हैं। शनिवार और रविवार को इस योग का बनना और भी महत्वपूर्ण होगा।

1 टिप्पणी:

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